माँ वाराही जी की आरती

माँ वाराही जय-जय, मइया वाराही जय-जय | मणिपूरक मणिबंधन, पाँव सजे तेरे ||

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Last updated Thu, 23-Mar-2023 Hindi-gujarati

माँ वाराही जय-जय, मइया वाराही जय-जय |

मणिपूरक मणिबंधन, पाँव सजे तेरे || ऊँ माँ वाराही जय-जय

लाल चुनर माँ ओढ़े, माँग सिंदूर धरती |

दुष्ट दलों को हनती, जग पावन करती || ऊँ माँ वाराही जय-जय

कानन कुंडल शोभत, मुकुट भव्य भाता |

माथ पे बिंदिया राजत, छत्र है छवि पाता || ऊँ माँ वाराही जय-जय

क्षमा राखि मम् अवगुण, ज्ञान ज्योति करिए |

सब विधि होहुँ सहायक, भक्त मान रखिए || ऊँ माँ वाराही जय-जय

सकल निरामय अंबुज, तुम्हरे पग साजे |

केहिं विधि करूँ वंदना, अनहद स्वर बाजे || ऊँ माँ वाराही जय-जय

परमेश्वरि! अतुलेश्वरि! भुवनेश्वरि! माता |

विश्वेश्वरी, अधीश्वरि! जग में विख्याता || ऊँ माँ वाराही जय-जय

रूप वराह धरे प्रभु, तुम तब शक्ति बनीं |

प्रखर दीप्त मुखमंडल, सब जग तेज करी || ऊँ माँ वाराही जय-जय

तुम्हीं चंडिका, काली, महागौरि!राधा |

तुम्हीं चंचला, लक्ष्मी, हर लो सब बाधा || ऊँ माँ वाराही जय-जय

सई नदी के तीरे, माँ मंदिर सोहै |

भव्य, अनोखा, अनुपम, दिव्य रूप मोहै || ऊँ माँ वाराही जय-जय

अपनी गोद बिठाती, भक्त जो बन जाता |

शार्दूल बन वाहन, इच्छित वर पाता || ऊँ माँ वाराही जय-जय